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भैसामुंडा महानदी पुल में मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति,विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार की मिली भगत से,चढ़ रहा भ्रष्टाचार की भेंट।


सूरजपुर/प्रतापपुर
सूरजपुर जिले के विकासखंड प्रतापपुर अंतर्गत सुर्खियों में रहने वाला भैसामुंडा महानदी पुल का मरम्मत का कार्य आरंभ किया गया लेकिन स्थानीय लोगों ने निर्माण को लेकर काफी आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं घटिया निर्माण घटिया सामग्री के उपयोग और अधिकारियों की मिलीभगत से पुल में गुणवत्ता विहीन कार्य कार्य हो रहा जो कुछ ही दिनों में  पुल पुनः गड्ढों में तब्दील हो जाएगा पुल के एक हिस्से को मरम्मत किए  लगभग 6 से 7 दिन के आसपास हो चुका है लेकिन उसमें ना तो पर्याप्त पानी डाला गया ना हीं कोई देखने आया नहीं सड़क को बहाल किया गया जिससे आए दिन घंटों जाम लगी रहती है।

भाजपा के सुशासन को विभागीय अधिकारी और ठेकेदार मिल कर लगा रहे पलीता।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भ्रष्टाचार को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य करने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि लेकिन धरातल पर अधिकारी उनके निर्देशों का खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं शासन के पैसों का किस तरह से बंदर बाट कर सरकारी धन का दोहन कर रहे अब देखना है खबर प्रकाशन के बाद शासन प्रशासन किस तरह कार्रवाई करती है वह देखने वाली बात होगी।


स्थानीय ग्रामीणों का कहना।

पुल की मरम्मत और निर्माण में भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या  बन चुका है घटिया निर्माण तथा घटिया सामग्री के उपयोग नियमों की अनदेखी और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण पुल का मरम्मत बत्तर हो रहा घटिया निर्माण को तत्काल बंद करके नए सिरे से महानदी पुल को  मरम्मत मजबूती से कराई जानी चाहिए ताकि होने वाले घटनाओं तथा लोगों की जान-माल का नुकसान होने से बच सके क्योंकि यह बनारस मार्ग का सबसे व्यस्ततम इकलौता पुल है लेकिन सरकारी धन का खुलेआम  दुरुपयोग कर रहे भ्रष्टाचार के कारण बनी कमजोर संरचनाएं लोगों की सुरक्षा तथा जान के लिए खतरा बन जाती हैं। इस समस्या से निपटने के लिए सख्त निगरानी, कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन यहां तो कोई सुध लेने वाला ही नहीं, लग रहा है सिर्फ पैसे कमाने का जरिया बना लिए है।

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