खबर छत्तीसगढ़ 29
एनएचएम कर्मचारियों का आंदोलन 15वें दिन भी जारी लगातार संघर्ष तेज हो रहा,,,
अपना अमूल्य रक्त दान देकर सरकार को अपनी मांगे मनवाने का प्रयास किया गया।
सूरजपुर,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार 15वें दिन भी हड़ताल पर डटे हुए हैं। आंदोलन को प्रभावी बनाने के लिए प्रतिदिन विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं, ताकि सरकार का ध्यान उनकी समस्याओं की ओर आकर्षित हो,,कर्मचारियों ने हाईटेक न्यू बस स्टैंड धरना स्थल पर उपस्थित होकर जनहित को ध्यान मे रखते हुए रक्त दान किया.ताकि किसी की मौत खून की कमी के कारण न हो.और सरकार से मांग किया कि हम सेवा करने वाले लोग है ,हमेशा हमने आगे आकर सेवा किया है.चाहे कोरोना काल हो या कोई इपीडेमिक का समय हो,उसी प्रकार आज भी हमने लोकहित को ध्यान मे रखकर रक्त दान किया है.एवं सरकार से मांग करते है कि जल्द-से-जल्द हमे नियमितीकरण सहित अन्य 10 मांगो पर विचार करते हुए सौगात दे.
सरकार की दोहरे नीति के खिलाफ विरोध दर्ज किया और कहा कि नियमित कर्मचारियों की तुलना में संविदा कर्मचारियों से अधिक कार्य लिया जाता है, लेकिन वेतन बहुत कम दिया जाता है।
आठवां वेतनमान लागू होने के बावजूद उन्हें अब तक छठवें वेतनमान से भी कम वेतन मिल रहा है, जिससे परिवार का पालन-पोषण मुश्किल हो गया है। इसलिए तत्काल वेतन पुनरीक्षण और ग्रेड पे लागू किया जाए। हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है। दूरस्थ क्षेत्रों से लेकर शहरी अस्पतालों तक मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं। मरीजों के कल्याण व सरकार को मनवाने के लिए कल मंगलवार को हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया जाएगा
कर्मचारियों का कहना है कि “सरकार हमारी 10 में से केवल 5 मांगें पूरी होने का दावा कर रही है, लेकिन कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया। स्वास्थ्य मंत्री को अधिकारी गुमराह कर रहे हैं और मंत्री बिना आदेश के भ्रामक बयान दे रहे हैं।संघ ने चेतावनी दी है कि सरकार की टालमटोल और झूठे प्रचार के विरोध में आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी और प्रदेश प्रवक्ता पूरन दास ने कहा“इस स्थिति के लिए सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। अड़ियल रवैया छोड़कर संवाद करें और कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि पिछले 20 महीनों में 160 से अधिक आवेदन और निवेदन देने के बावजूद नियमितीकरण, ग्रेड पे और 27% लंबित वेतन वृद्धि की फाइलें जानबूझकर रोकी गई हैं, जिससे कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है।
जिलाध्यक्ष बृजलाल पटेल ने कहा आज के इस मंहगाई मे इतना कम वेतन मे घर-परिवार चलाना बहुत कठिन है.
मै पिछले 16 साल से सेवा दे रहा हूं,एवं मेरे अस्पताल मे चतुर्थ वर्ग नियमित कर्मचारी का वेतन मेरे वेतन का दो गुना है,तथा मेरे समान कैडर के नियमित कर्मचारी का वेतन मेरे वेतन से लगभग चार गुना अधिक है.अगर 16 साल सेवा देने के बाद भी आज ये स्थति है तो बहुत ही दुर्भाग्यजनक है.
सरकार से आग्रह करते हुए तत्काल वेतन पुनरीक्षण करते हुए समान काम समान वेतन लागू करते हुए यथास्थान संविलियन किया जाना चाहिए.
साथ ही यह भी कहा जल्द ही हमारे मांगो पर उचित निर्णय नही लिया गया तो आंदोलन और उग्र होगा.


