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वोट चोरी मामले पर भाजपा और चुनाव आयोग एक दूसरे का बचाव कर रहे,छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष विमलेश तिवारी,




सूरजपुर वोट चोरी मामले में भाजपा और चुनाव आयोग पर एक दूसरे का बचाव करने का आरोप लगाते हुए सरगुजा संभाग के कद्दावर कांग्रेसी नेता व छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष विमलेश तिवारी ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वोट चोरी का पर्दाफाश किया है और किस प्रकार से वोट चोरी कर जनता के मतदान देने के अधिकार को अपहरण किया गया है इसका खुलासा होने के बाद भाजपा पहले चुनाव आयोग के प्रवक्ता बनकर चुनाव आयोग को बचा रहा था। अब चुनाव आयोग भी भाजपा की वोट चोरी को बचाने के लिए उलजुलूल, संदेहास्पद एवं हास्यास्पद बयानबाजी एवं सतही जानकारी देकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है।
किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष विमलेश तिवारी ने कहा कि पूरे देश के वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां है एक व्यक्ति के नाम कई जगह दर्ज है, एक ही मकान के नंबर पर हजार वोट भी है ऐसा कैसे संभव है? जिस प्रकार से वोटर लिस्ट की गड़बड़ियां सामने आई है छत्तीसगढ़ के मतदाता सूची में बड़ी गड़बड़ियां है, यहां भी कई वोटरों के नाम एक से अधिक स्थानों पर है, यहां भी एक ही मकान के पते पर दर्जनों वोटरों के नाम दर्ज हैं। यह सब चुनाव आयोग की गलतियों के कारण हुआ है। चुनाव आयोग की मंशा साफ होती तो वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां नहीं होती। चुनाव आयोग का रवैया लोकतंत्र के खिलाफ है। स्वच्छ मतदान के लिए जागरूक करने की दावा करने वाले चुनाव आयोग ही चुनाव में गड़बड़ियों को संरक्षण दे रहा है।
छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष विमलेश तिवारी ने कहा कि भाजपा और चुनाव आयोग की भाषा एक है। चुनाव आयोग जो स्वतंत्र, निष्पक्ष, संवैधानिक संस्था है लेकिन उसका बर्ताव भाजपा की विंग की तरह है। चुनाव आयोग को कांग्रेस के उठाए सवालों का निराकरण करना चाहिये। एक घर में 80 वोटर कैसे दर्ज हुए, उनका जवाब देना चाहिए। महाराष्ट्र में वयस्क मतदाता, कुल वयस्क जनसंख्या से अधिक कैसे बढ़ गया, ये बताना चाहिए? बिहार में जिंदा वोटर को मृतक बताकर मतदाता सूची से कैसे नाम काट दिया गया और मृतक वोटर का नाम मतदाता सूची में कैसे जुड़ गया, इसका जवाब देना चाहिए। भाजपा नेताओं का नाम दो-दो बार अलग-अलग जगह कैसे जुड़ गया? भाजपा नेताओं का दो-दो मतदाता परिचय पत्र कैसे बन गया, इसका छानबीन करना चाहिए। इन सवालों का जवाब देने के बजाय चुनाव आयोग का बयान भाजपा के बचाव में ज्यादा परिलक्षित क्यों हो रहा है?

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